
रतलाम, भारतीय जनता पार्टी की डॉ मोहन यादव सरकार में मध्यप्रदेश में दलितों,आदिवासियों ,पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यक समाज के ऊपर अन्याय, अत्याचार, बलात्कार और हत्याओं की घटनाएं लगातार मध्यप्रदेश को शर्मशार कर रही हैं और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं रतलाम के मंत्री चैतन्य कश्यप कुंभकर्ण की नींद सो रहे हैं। ताज़ा मामला नामली थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम काण्डरवासा का है जहां दो दिन पहले रात्रि में एक दलित युवा आयुष मालवीय की कुछ सामंतवादी लोगों ने पीट पीटकर, उसके बाल काटे, उसके कपड़े फ़ाड़े और हत्या कर फेंक दिया। इस घटना से रतलाम सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में दलित समाज में आक्रोश व्याप्त है। यह कहना है जिला प्रवक्ता रश्मि सिंह का।
रश्मि सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि दलित और आदिवासी समाज में भय का वातावरण बना हुआ है।वैसे भी मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा, रोजगार एवं आरक्षण हर स्तर पर दलितों आदिवासियों,का जमकर शोषण कर रही है। समरसता का ढोंग करने वाली भाजपा और आरएसएस जब दलितों की हत्या होती है तब क्यों आन्दोलन नहीं करती??? दलित आदिवासी विरोधी मानसिकता के लोग आज भी जाति के नाम पर अत्याचार एवं उत्पीड़न करते हैं। भाजपा के विधायकों और सांसदों, मंत्रियों को शर्म आना चाहिए,कि किस मुंह से वोट मांगने जाते हैं जब कि आप उनको सुरक्षा नहीं दे सकते?मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जी एवं प्रदेश अध्यक्ष अजा विभाग कांग्रेस प्रदीप अहिरवार जी के निर्देश पर प्रदेश संयोजक हीरालाल परमार के साथ अन्य दलित पदाधिकारी पीड़ित परिवार के स्वजनों से मिले एवं संवेदना व्यक्त की
रश्मि सिंह ने जिला प्रशासन से मांग की है कि निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ हत्या की धारा 302 एवं एट्रोसिटी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।एवं पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। अगर एक सप्ताह में मुख्य दोषी एवं उनके सहयोगी नहीं पकड़े गए तो रतलाम जिले के सभी दलित , आदिवासी संगठन एवं कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे