
भोपाल: मध्य प्रदेश में संपत्ति के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए 10 अक्टूबर से नए नियम लागू हो गए हैं। इन नए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन में झंझट खत्म हो जाएगा, जिससे लोगों को अब परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
डिजिटल रजिस्ट्रेशन की शुरुआत
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संपदा-2 सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप का शुभारंभ किया है, जिसके माध्यम से संपत्ति के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। अब रजिस्ट्रेशन के लिए उप पंजीयन कार्यालय में उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं रहेगी। खरीदार और संपत्ति बेचने वालों की पहचान अब ई-केवाईसी के माध्यम से होगी, जिससे प्रक्रिया और भी सुविधाजनक हो जाएगी।
नए सॉफ्टवेयर की सुविधाएं
संपदा-2 सॉफ्टवेयर कई सुविधाओं से लैस है, जैसे:
- पंजीयन अधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत।
- पहचान के लिए वीडियो केवाईसी की सुविधा।
- दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर के माध्यम से जमा कराने की सुविधा।
- ई-स्टाम्प की सुविधा।
- संपत्ति से जुड़े कागजात ईमेल और व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
इस सुविधा को प्रदेशभर में लागू करने से पहले गुना, हरदा, डिंडौरी और रतलाम जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में परीक्षण किया गया था। इस दौरान परीक्षण सफल रहा, जिसके बाद अब इसे मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किया गया है।
इन नए नियमों के लागू होने से न केवल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि लोगों को समय और श्रम की बचत भी होगी। अब संपत्ति का रजिस्ट्रेशन बिना किसी झंझट के और अधिक सुलभ हो जाएगा, जिससे मध्य प्रदेश में विकास और प्रगति की नई दिशा मिलेगी।
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम संपत्ति रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे लोगों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि यह डिजिटल इंडिया की ओर एक बड़ा कदम भी है। अब संपत्ति रजिस्ट्रेशन के लिए जटिलताओं को भुलाकर लोग सरलता से अपनी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
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